*यूरोप की विवशता....हमारी मूर्खता...*

विशेष अनुरोध:- "पाश्चात संस्कृति अपनाने से पहले एक बार विशुद्ध भारतीय संस्कृति का अवश्य विचार करें"।।        
1. आठ महीने ठण्ड पड़ने के कारण कोट पेंट पहनना उनकी विवशता ओर शादी बाले दिन भरी गर्मीं में कोट - पेंट डाल कर बरात लेकर जाना हमारी मुर्खता !
2. ठण्ड में नाक बहते रहने के कारण टाई लगाना युरोप की विवशता ओर दुसरे को प्रभावित करनें के लिऐ जुन महींनें में टाई कस के घर से निकलना हमारी मुर्खता !
3. ताजा भोजन उपलब्ध ना होने के कारण सड़े आटे से पिज्जा,, बर्गर,, नूडल्स आदि खाना युरोप की विवशता ओर 56 भोग छोड 400/- की सढी रोटी (पिज्जा ) खाना हमारी मुर्खता !
4. ताज़ा भोजन की कमी के कारण फ्रीज़ का इस्तेमाल करना युरोप की विवशता ओर रोज दो समय ताजी सब्जी बाजार में मिलनें पर भी हफ्ते भर की सब्जी मंडी से लेकर फ्रीज में ठुंस कर सढा -2.कर उसे खाना हमारी मुर्खता !
5. जड़ी बूटियों का ज्ञान ना होने के कारण... जीव जंतुओं के हाड मॉस से दवाये बनाना उनकी विवशता ओर आयुर्वेद जैसा महान चिकित्सा ग्रंथ होनें के वावजुद उन हाड्ड - मांस की दवाईयां उपयोग करना हमारी महांमुर्खता !
6.पर्याप्त अनाज ना होने के कारण जानवरों को खाना उनकी विवशता ओर 1600 किस्मों की फसलें होनें के बाबजुद जीभ के स्वाद के लिऐ किसी निरिह प्राणी को मारकर उसे खाना हमारी मुर्खता !
7. लस्सी, दूध, जूस आदि ना होने के कारण कोल्ड ड्रिंक को पीना उनकी विवशता ओर 36 तरह के पेय पदार्थ होते हुऐ भी इस कोल्ड ड्रिंक नामक जहर को पीकर खुद को आधुनिक समझ कर इतराना हमारी महां महां महां मुर्खता !
     
                  

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